डार्विन के एक सिद्धांत से मै अपने इस ब्लॉग की शुरुवात करना चाहूंगी
डार्विन ने कहा था " जो प्रजाति संगर्ष नहीं करेगी वो विलुप्त हो जायेगी "
मैंने कई बार सोंचा की बड़े चिंतक वैज्ञानिक और आविष्कारक अपने उल जुलूल बातों को लेकर हम सभी के जीवन को सरल करते हैं या थोड़ा और कठिन। मुझे याद है न्यूटन के सिद्धांत को याद करना मेरे लिए कठिन था और उसके लिए मैंने कई बार डांट भी सुना।
आज जीवन के इस पड़ाव पर इस निष्कर्ष पर पहुँचती हूँ की जिन सिद्धांतों को याद करना बहुत कठिन था उन्ही सिद्धांतों पर हमारी ज़िन्दगी चलती है। सिद्धांत कुछ भी हो सिद्धांत एक सिद्धांत होता है तथा किसी खास समय पर लागू ना होकर हर समय एक जैसा महत्व रखता है। उसकी महत्ता कभी कम नहीं होती।
जीव विज्ञानं के ज्ञाता डार्विन ने अपने कई शोधों में ये पाया की पृथ्वी पर कई जीव जंतु एवं पेड़ पौधे विलुप्त हो गए और उसके कारणों को जानने के क्रम में उन्होंने पाया की परिवर्तन की स्थिति में जो भी जीव जंतु संघर्ष नहीं किये अंततः उनका अंत हो गया।
परिवर्तन जीवन का एक सत्य है। एक समय हम सभी बच्चे थे फिर किशोर हुए इसी क्रम में जवान और अंत में बूढ़े होकर मर जाएंगे। ये परिवर्तन सिर्फ भौतिक नहीं मानसिक सामजिक और आर्थिक भी है... बचपन में एक खिलौना का महत्व बहुत ज्यादा हो सकता है मगर उम्र के साथ प्राथमिकता बदल जाती है। एक अवस्था से दूसरे अवस्था में जाना थोड़ा कठिन है क्यों की बीते हुए अवश्था को भूलना थोड़ा कठिन है और आने वाली अवस्था को समझना एक जुआ।
परिवर्तनं की स्थिति में नए विकल्पों पर काम करना हीं संघर्ष है। और इस संघर्ष के कारण इंसान जीव जंतु लाखों वर्षों से इस धरती पर रहते आ रहें है।
जीवन में कई बार ऐसा प्रतीत होता है "खेल खत्म "
बस समझ जाईये खेल खत्म नहीं हुआ एक नयी खेल शरू होने वाली है
और उस खेल को खेलने के लिए आपको संघर्ष करना एक सहज प्रवर्ति है
एक छोटे से एक्साम्पल से हम इस बात को समझ सकते है...... एक समय गली गली में बूथ (टेलीफोन " था जिससे एक अच्छी आमदनी सभी को हो जाती थी मगर आज के दौर में इस व्यवसाय का कोई वजूद नहीं। खेल खत्म जितने भी लोग इस परिवर्तन में खुद को बदल लिए वो आज भी बाजार का हिस्सा ज़रूर हैं और संघर्ष कर अपने वज़ूद को बचाये रख पाने में सफल रहे।
संघर्ष सत्य है और परिवंत का घोतक भी ।
संघर्ष सदैव करे खुद को खो देने से पहले, सफलता निश्चित हीं मिलेगी।
पुनः में दुहराना चाहती हूँ डार्विन के इस सिद्धांत को की
"
क्योंकि डार्विन ने कहा
" जो प्रजाति संगर्ष नहीं करेगी वो विलुप्त हो जायेगी "
******************नूर फातमा *****************
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